20 मार्च, 2010

भेजी का बाराम


12 अगस्त 1947 को पौडी नगर स्थित पौडी गांव में सुमद्रादेवी और उमराव सिंह नेगी के घर जन्मे नरेंद्र अपने गीतों के लिए सर्वत्र जाने जाते हैं

अब तक उनके करीब 3 दर्जन कैसेट (ओडियो वीडियो), तीन गीत संग्रह खुचकड़ी (भाग 1- २ क्रमशः 1991 - 2009) , गाणयू की गंगा स्याणू का समोदर ( 1991) , मुठ बोटी की रख ( 2002 ) आ चुके हेँ । अब तक आधा दर्जन फिल्मों में नेगी जी संगीत दे चुके हैं । पारम्परिक लोक गाथाओं तथा मंगल गीतों के ऑडियो संग्रह प्रस्तुत करके भी उन्होंने अपना योगदान दिया है ।

सैकड़ों आयोजनों में लाखों लागों के बीच वे पिछले 30 सालों से लगातार गाते आ रहें हैं , उनकी लोकप्रियता किसी शिखर पर ठहरी नहीं है, वो बढती जा रही है ।

सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट लेने के बाद आप पूरी तरह संगीत की दुनिया में सक्रिय हैं ।


( साभार - मुठ बोटी की रख )

1 टिप्पणी:

VICHAAR SHOONYA ने कहा…

main Garwali bhasha ko puri tarah se samajh nahin pata par phir bhi negi sahab ka fan hun. mere hisab se vo uttarakhan ke ekmatra ese gayak hain jinke songs ka kuchh matlab hota hai.
negi sahab ke geet sun sun kar to main bhi thodi thodi Garwali bhasha samajhne laga hun . Vaise main Delhi me paida hua v pala badha Kumaoni hun.