27 मार्च, 2010

दिव्‍यविजन 2012


तो भारी हंगामे और अविश्‍वास प्रस्‍ताव के नाटकीय (प्रायोजित) घटनाक्रम के बाद उत्‍तराखंड विधानसभा का बजट सत्र समाप्‍त हो गया है। सत्र की समाप्ति के बाद नेता विपक्ष हरक सिंह रावत (हरकू दा) ने घोषणा की है कि 2012 के चुनाव में बीजेपी को 15 सीट भी नहीं मिलेंगी, अगर मिलेंगी तो वह (हरकू दा) राजनीति से सन्‍यास लेकर हिमालय में तपस्‍या करने चले जाएंगे। इसी के साथ सत्‍ता के गलियारों में 2012 की तैयारी शुरू होने लगी है, कांग्रेसियों का आत्‍मविश्‍वास बढा हुआ है, हरकू दा की बॉडी लैंग्‍वेज इसका प्रमाण है, उन्‍हें उम्‍मीद है कि मार्च 2012 में उनकी भी उनकी किस्‍मत की घंटी बजेगी, निक्‍कू भाई की तरह, एक दिन उनके भी सपनों को पंख लगेंगे। ।।।।।।।।।।।

और इस तरह मार्च 2012 भी आ गया, ईवीएम के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में गए। दिक्‍कत यह है कि पार्टी का बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस में किसी भी नेता के पास आंतरिक बहुमत नहीं है, यानि असल चुनाव तो अब शुरू हो रहा है। इस तरह प्रदेश में एक गंभीर राजनैतिक संकट खडा हो गया, िफर इसे टालने के लिए एक सर्वदलीय सरकार का गठन होता है, जिसमें सभी दलों के दिग्‍गजों को एडजस्‍ट किया जाता है, पिफर जो तस्‍वीर उबरी वो कुछ यूं थी ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;


भगत सिंह होश्‍यारी
सीएम (बिना अधिकार)
आप राख से लाख और लाख से खाक होने की अदभुद मिसाल हैं । जिंदगी में कोई बडी ख्‍वाईश नहीं थी, कभी कफकोट की रामलीला में भी मंत्री ना बनने वाले होश्‍यारी दा को वर्ष 1999 में एमएलसी बनने का गौरव हासिल हुआ। इसबीच समयचक्र तेजी से घूमता है, और आप नवगठित उत्‍तराखंड के पहले सीएम की रेस में शामिल हो गए, अंतिम शण में आप स्‍वामी से पिछडे पि‍फर पहली सरकार में पावर जैसा पावरफुल महकमा हाथ लग, इधर प्रदेश में पहली विधानसभा के चुनाव की रणभेरी गूंज रही थी और उधर आपकी किस्‍मत का पिफर सूरज चमक उठा। आप नवबंर 2001 में राज्‍य के दूसरे सीएम बन गए, पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ चुनाव में गए पर चुनाव बाद पता चला कि ये आत्‍मविश्‍वास अति आत्‍मविश्‍वास था। आपके लीडरशिप में पार्टी को करारी हार मिली ओर आपके दुर्दिन शुरू हो गए, पिफर भी आपके हाथ नेता विपक्ष का पद आया। लेकिन नौछमी की माया से आप भी न बच पाए, नतीजा आप पर मित्र विपक्षी होने का आरोप लगा, नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी ढाई साल में जाती रही । दूसरे चुनाव में पार्टी जीती तो भी आप को सत्‍ता सुख नसीब न हुआ। जनरल को जैसे तैसे कुर्सी से हटा तो दिया पर आपके हाथ पिफर भी कुछ नहीं लगा यानि आप किस्‍मत के मारे है, अभागे हैं, बेचारे हैं, लाचार हैं मजबूर है, इसलिए

हे मान्‍यवर उत्‍तराखंड राज्‍य में सीएम की कुर्सी के आप सर्वाधिक सूटेबुल कंडिडेट हैं कृपया आप बिना अधिकार के सीएम बनने का न्‍यौता स्‍वीकार करें


मंत्रीपरिषद

नारायण दत्‍त तिवारी (प्रचलित नाम नौछमी)
विभाग ; म‍हिला मामले


हे 87 वर्षीय चिर चुवा, हे चमचों के चहेते, हे संजय शिष्‍य, हे आंध्र फेम, आप सचमुच दुर्लभ हैं। आप जीवन में 87 बसंत देख चुके हैं फिर भी आप नित नई लकीर खींचते जा रहे हैं। आप साबित कर चुके हैं कि आपको ‘खारिज’ करने वाले कितने बेवकूफ हैं यह कि आप अब भी कितने ‘एक्टिव’ हैं । यूं तो आपने दो राज्‍यों में सीएम की कुर्सी का वरण किया, केंद्र में कई सरकारों में मंत्री रहे यही, नहीं राजभवन जैसे ग्‍लैमरहीन जॉब को भी आपने अपने प्रताप से एकदम ‘हॉट’ बना दिया ि‍फर भी आपकी स्‍वाभाविक अभिरुचि को हमेशा दरकिनार किया गया, ऐसा लगता है कि आपको कभी भी अपना मनपसंद विभाग नहीं दिया गया इसलिए;;;;;;;;;;;
आपको निर्विवाद रूप से महिला मामले का मंत्री बनाने का प्रस्‍ताव है। कृपया बेझिझक (वैसे झिझकना आपका मिजाज नहीं है) इस पद को स्‍वीकार करें । सुना है कि कोयले की खदान देने का आपका वादा अभी पूरा नहीं हुआ है इसलिए हे सदाबहार शख्‍स इस भेंट को स्‍वीकार करें और लगे रहें।


निक्‍कू दाई
पावरगेम
यूं तो आप इस धरती पर ‘बॉर्न टू रूल’ की शर्त पर ही अवतरित हुए हैं, पर क्‍या करें इन चुनाव में आपके बालसखा हरकू ने ही आपकी उम्‍मीदों पर पानी फेर दिया। पिफर राठ छोड कर श्रीनगर आने का फैसला भी आपका जल्‍दबाजी वाला साबित हुआ। हे निक्‍कू भाई आप जैसे दिग्‍गज को क्‍या विभाग दें इस पर हम फैसला नहीं ले पा रहे हैं । आप पावर जैसी तुच्‍छ भेंट स्‍वीकार करें, आप 46 पावर प्रोजेक्‍ट का तो हिसाब कर ही चुके हैं, इसलिए आपके मिशन को पूरा करने के लिए आपको एक बार पिफर ये विभाग दिया जा रहा है । ताकि आप उत्‍तराखंड को देश का भाल बना सकें इसलिए ;;;;;;;;;;

हे श्री श्री श्री 1008 आपको पावर विभाग का मंत्री बनाया जाना प्रस्‍तावित है, इस ऊर्जा प्रदेश को सचमुच आप जैसा ऊर्जावान मंत्री चाहिए जो बिना रुके घंटो, दिनों हवाई याता करता रहे, जो अपने आवास में डाइंग रूम से शौचालय तक भी जाने के लिए हवाई सेवा का इस्‍तेमाल करें, हे कवि हृदय आप ही हमारे ऊर्जा मंत्री हैं ।

जरनल (रिटायर) भू च खंडूडी ऊर्फ सीएम (हटाए गए)
आवास विकास एंव भूमि विकास

सर, साहब, हुजूर हमें आपके लिए कोई पद ऑफर करते हुए बेहद डर लग रहा है । आपकी मूंछों का रौब ही ऐसा है, पिफफर भी प्रदेश सरकार की स्थिरता के लिए हमारे लिए तमाम हैवीवेट नेताओं को एडजस्‍ट करना जरूरी है । महाशय आपके कद के अनुसार यूं पद नहीं है पर संयोग से आपके लिए आवास विकास (हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्‍ट ) तथा भूमि विकास (देहरादून की ग्रीन बेल्‍ट में प्‍लाटिंग) महकमा ठीक रहेगा । सुना है आपको हटाने में भू माि‍फया ने अपना अमूल्‍य सहयोग दिया, इनके मु‍खिया डोईवाला क्षेत के कोई नेताजी बताए जाते हैं, इसलिए इस महकमें से आप अपनी निजी खुन्‍नस निकाल सकते हैं वैसे भी केंद्र में सडक परिवहन मंत्री रहने के दौरान आपकी कार्यशैली से प्रभावित लेखक खुशवंत सिंह आपको बिल्‍डर मिनिस्‍टर का दर्जा दे चुके हैं हैं, इसलिए ;;;;;;;;;
आप आवास विकास एंव भूमि विकास का केबिनेट मिनिस्‍टर बनना स्‍वीकार करें । वैसे भी आप सीएम रहने के बावजूद अपनी विधानसभा सीट धुमाकोट का वजूद बचाने में नाकाम साबित हुए हैं, यानि आपको भी राजनैतिक जमीन की तलाश है, इसलिए आप के लिए जमीन से जुडा विभाग मुफीद रहेगा ।


हरकू दा
सीमा विस्‍तार
यूं हरकू दा सीएम बनने की दौड में थे, पर चूंकि उनका एक ड्रीम प्रोजेक्‍ट अभी हवा में झूल रहा है इसलिए आपके लिए राज्‍य सीमा विस्‍ताव मंतालय का गठन किया जाता है । महाशय आप गजब के हैं, अतिक्रमण करने में आपका जवाब नहीं, संघ में पले बढे ओर बगावत भी कर डाली, पिफर 1997 के चुनाव में आपने अपनी पार्टी (शायद आप भी इसका नाम भूल गए होंगे) उत्‍तरांखड विकास पार्टी का गठन कर ब‍‍र्फिया लाल जुंवाठा को उत्‍तरकाशी से टिकट भी दे दिया, पर ऐन नामांकन के दिन खुद अध्‍यक्ष जी ने जनता दल के टिकट पर पौडी से नाम दाखिल कर ब‍‍र्फिया लाल को चुनाव के शीत में ठिठुरने छोड दिया।
राज्‍य गठन से पहले आप ‘घर वापसी’ की चर्चा के बीच कांग्रेस में शामिल हुए, अपनी फर्स्‍ट च्‍वाइस पौडी से टिकट न मिला तो आप बगल की सीट लैंसडाउन पर खिसक लिए। चुनाव में जीते मंत्री बने, इसी बीच जैनी ने आपको डस लिया, आप की कुर्सी जाती रही। लेकिन आपने बतौर राजस्‍व मंत्री दो साल के बेहद कम समय में अमिट छाप छोडी। पटवारी भर्ती में आपका नाम प्रमुखता से लिया गया। आप ‘जो जीता वो ही सिंकदर’ की तर्ज पर जीते हैं । दुबारा चुनाव हुए, आप अपने मित्र धस्‍माना की मदद से जीते और नेता प्रतिपक्ष तक बन गए । महाशय नेता प्रतिपक्ष रहते हुए आपने पलायन, बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार जैसे विषयों पर अपने मित्र निक्‍कू दाई को बचाने की भरसक को‍शिश की, इसके तहत आपने राज्‍य का सीमा विस्‍तार जैसा अति आवश्‍यक विषय छेडकर सबको चौंका दिया। आपकी पूरी कोशिश बिजनौर और सहारनपुर को उत्‍तरांखड में मिलाकर पहाडी राज्‍य को पूरी तरह से मैदान बनाने की है, इसलिए ;;;;;;;

हे राजनीति के धुरंधर आपके लिए केंद्र सरकार से इजाजत मांग कर सीमा विस्‍ताव मंत्रालय का गठन किया गया है । हे महाशय आप आएं और राज्‍य सीमा विस्‍तार जैसे एक मात्र महत्‍वपूर्ण मिशन में जुट जाएं। इस काम के लिए सहारनपुर के सैनी, बिजनौर के चौहान आपके सदा आभारी रहेंगे, लैंसडौन की चिंता आप न करें, आप सहारनपुर या बिजनौर से चुनाव जीत सकते हैं :

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सूर्यकांत धस्‍माना
राज्‍य आंदोलनकारी कल्‍याण मंत्री
पूरे दस साल हो गए इस राज्‍य को बने हुए । फिर भी आंदोलनकारियों को शिकायत है कि उनके सपनों का रज्‍य नहीं बन पाया, आंदोलनकारियों का सम्‍मान नहीं हो रहा है । इधर राज्‍य आंदोलन में अपना उल्‍लेखनीय योगदान देने वाले युवा सूर्यकांत धस्‍माना भी बहुत दिनों से हासिए पर हैं । इस चुनाव 1212 में धस्‍माना हरकू दा के बैक सपोर्ट, यशपाल आर्य के मॉरल सपोर्ट और एनडी तिवारी के रणनीतिक समर्थन से विधानसभा में पहुंचने में सफल रहे हैं । इस तरह आंदोलनकारियों के सपनों और सूर्यकांत धस्‍माना की भूमिका और टैलेंट का ये अदभुद संयोग है इसलिए ;;;;;;;;

राज्‍य आंदोलन के दौरान देहरादून के करनपुर मोहल्‍ले में उल्‍लेखनीय भूमिका निभाने वाले सूर्यकांत धस्‍माना को राज्‍य आंदोलनकारी कल्‍याण मंत्री बनाने का प्रस्‍ताव किया जाता है। आपसे उम्‍मीद की जाती है कि आप मुलायम सिंह के सपनों और नौछमी के विजन का राज्‍य बना कर आंदोलनकारियों के सपनों को सच करेंगे



कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन
शरीर शौष्‍ठव मंत्री
उत्‍तराखंड राज्‍य में लक्‍सर रियासत भी हैं । यहां के कुंवर हैं प्रणव सिंह, जो शरीर शौष्‍ठव प्रतियोगिता के चैम्पियन रह चुके हैं, यही उनकी ताकत है, शान है, पहचान है। कुंवर साहब इस बार लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं इसलिए उन्‍हें भी मंत्री पद चाहिए, वरना उनके समर्थन विधानसभा के अंदर ही रागणी गाना शुरू कर देंगे। कुंवर की भीमकाय बॉडी, घनी और रौबदार मूछें और औछी हरकतों के कारण उनके लिए शरीर शौष्‍ठव मंत्रालय का गठन किया जाता है, इसलिए

हे दंबग, उदंड और हुडदंग विधायक आप शरीर शौष्‍ठव मंत्रालय में आकर पहाड के सीदे सादे लोगों को भी बाहुबल के फायदों बताएं, यहां वैसे भी यूपी कल्‍चर कम होता जा रहा है कृपया आप आएं और यूपी की यादों को ताजा रखें।

( नोट ; चुनाव नतीजे आने के बाद से घंटों चिंतन करने के बावजूद हमारा थिंक टैंक फिलहाल इन कुछ लोगों को ही केबिनेट मे लेने पर सहमत हो पाया है । वैसे हम खुशकिस्‍मत हैं कि हमारे पास नेताओं की व्‍यापक रेंज है, अभी मंत्री परिषद में पांच और लोग खपाए जा सकते हैं । इसके लिए तमाम लोग दावेदार हैं, यूकेडी के जिला स्‍तरीय पदाधिकारी से लेकर कांग्रेस के अनगिनत फ्रंटल संगठनों के असख्‍ंय पदाधिकारियों तक । संघ के प्रचारकों से लेकर बीजेपी से जुडे तमाम ठेकेदारों के नाम पर आगे विचार किया जाएगा। । फिर भी जो रह गए उन्‍हें तमाम निगमों आयोगों में बैठाया जाएगा। जो फिर भी रह जाएं वो कहीं मुंह खोले बगैर हमारे पास पहुंच जाएं, हम तिवारी फार्मूला अपनाते हुए सबका मुंह भरने में यकीन रखते हैं। हमारे सामने एक ही चैलेंज है किसी भी कीमत पर कुर्सी बचाए रखना )

3 टिप्‍पणियां:

सम्वेदना के स्वर ने कहा…

सत्सैया के दोहरे अरु नावक के तीर
देखन में छोटन लगें घाव करेंगम्भीर.

VICHAAR SHOONYA ने कहा…

please increase the size of the fonts if it is possible.

अजय कुमार ने कहा…

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें